राजपुरा में 40 साल बाद ‘समंदर हिलोरा’ रस्म, भाई-बहनों ने की सुख-समृद्धि की कामना
पिंडवाड़ा (राजस्थान): उपखंड पिंडवाड़ा के निकट सिवेरा पंचायत के राजपुरा गांव में गुरुवार 28अगस्त को एक अनोखा और भावुक नजारा देखने को मिला। 40 साल के लंबे अंतराल के बाद, यहां ‘समंदर हिलोरा’ नामक पुरानी रस्म का आयोजन किया गया, जिसमें तीन सौ पचास से अधिक बहनों ने तालाब की पूजा कर अपने भाइयों की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की।
यह आयोजन विशेष रूप से मीणा समाज द्वारा किया गया, जिसमें समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। सुबह 11 बजे से ही गांव में उत्सव का माहौल बन गया। महिलाएं अपनी पारंपरिक वेशभूषा और गहनों में सज-धजकर, सिर पर कलश रखकर ढोल, ताशे और डीजे की धुन पर मंगल गीत गाते हुए तालाब की ओर रवाना हुईं। उनके साथ परिवार के पुरुष और भाई भी मौजूद थे।
तालाब पर पहुंचने के बाद, महिलाओं ने पूरे तालाब की परिक्रमा की और बारी-बारी से पूजा-अर्चना की। भाइयों ने तालाब के अंदर खड़े होकर अपने हाथों से पानी पिलाकर बहनों का उपवास खुलवाया। इसके बाद, भाइयों ने अपनी बहनों को सुंदर साड़ी (सुंदरी) ओढ़ाकर तालाब से बाहर निकाला और कपड़े, मिठाइयां, और गहने जैसी भेंट सामग्री प्रदान की। यह दृश्य भाई-बहन के अटूट प्रेम और सम्मान का प्रतीक था।
इस विशेष अवसर पर, गांव और आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग और सगे-संबंधी पहुंचे, जिससे एक विशाल जनसमूह देखने को मिला। आयोजन को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में पुलिस और विद्युत विभाग ने भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया, जिसके लिए समस्त ग्रामवासियों ने उनका धन्यवाद किया।
दिनभर चले इस धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम के बाद, रात में गायक कलाकार श्रवण हिंगोला ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। यह पूरा आयोजन शांति और उल्लास के साथ संपन्न हुआ।