मानवता की मिसाल: शिक्षक अमृत प्रजापत ने संवारा आदिवासी बच्चियों का भविष्य
सिरोही जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय क्यारा में कार्यरत शिक्षक अमृत प्रजापत एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुके हैं। वे पिछले पांच वर्षों से 15 आदिवासी बालिकाओं की शिक्षा और जीवन यापन की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा रहे हैं। इन बच्चियों में पांच सगी बहनें हैं, जिनका परिवार अत्यंत गरीब है, और चार अनाथ बालिकाएं भी शामिल हैं।
अमृत प्रजापत इन बालिकाओं के कपड़े, स्कूल सामग्री, फीस और अन्य ज़रूरतों का पूरा ध्यान रखते हैं। इनमें से एक बालिका कक्षा 9वीं और एक 11वीं में पढ़ रही है, जबकि शेष छात्राएं प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में अध्ययनरत हैं। आत्मविश्वास से भरपूर ये बालिकाएं अपने उज्ज्वल भविष्य के सपने संजोए हुए हैं।
प्रजापत पिछले दस वर्षों से इस विद्यालय में शिक्षक पद पर कार्यरत हैं। उनके अनुसार, शिक्षा ही समाज में वास्तविक बदलाव ला सकती है, और इसी सोच के साथ वे इन बच्चियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
इससे पहले माउंट आबू स्थित अंधजन पुनर्वास केंद्र में नियुक्ति के दौरान भी अमृत प्रजापत ने मानवता की मिसाल पेश की थी। उन्होंने वहाँ के पांच बच्चों की आर्थिक सहायता की थी, क्योंकि उनके परिवार अत्यंत दयनीय स्थिति में थे। आज वही पांच बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षक बन चुके हैं, जो अमृत प्रजापत के समर्पण और प्रेरणा की जीवंत मिसाल हैं।
उनका यह कार्य न केवल शिक्षा क्षेत्र में एक मिसाल है, बल्कि समाज के लिए यह संदेश भी देता है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो एक व्यक्ति भी कई जिंदगियों को संवार सकता है।